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वैसे ही मैं पूरी ताकत और रफ़्तार के साथ उसकी चूत में अपना लौड़ा पेलने लगा।जिससे माया लौड़े की हर ठोकर पर ‘आआअह… अह्ह्ह् उउम्म्म ष्ह्ह स्स्स्श्ह्ह्ह’ के साथ जवाब देते-देते चोटें झेलने लगी।उसकी आवाज़ों ने मुझे इतना मदहोश कर दिया था कि मैंने फिर से अपने होश को खो दिया और जो बर्फ का टुकड़ा उसकी गाण्ड के छेद पर टिका रखा था, उसे किसी बटन की तरह उसकी गाण्ड में पूरी ताकत से अंगूठे से दबा दिया. पर बोलोगी क्या?तब उसने जो बोला उसे सुन कर तो मैं हैरान हो गया और मुझे ऐसा लगा कि ये तो माया से भी बड़ी चुदैल रंडी बनेगी। साली मेरे साथ नौटंकी कर रही थी। उसकी बात से केवल मैं ही हैरान नहीं था बल्कि बाकी माया और विनोद भी बहुत हैरान थे।उसने बोला ही कुछ ऐसा था कि आप अभी अपने घर जाओ और आंटी पूछें कि हम आए या नहीं.
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उसके दूध पीते हुए मैं नाभि तक आया और अपने दांतों से उसकी लैगीज और पैंटी को एक साथ खींचने लगा।वो बिलकुल शांत पड़ी थी.
जिससे मेरा लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर फिसल गया।चाची के मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई और वो मुझसे कहने लगीं- आराम से नहीं डाल सकते थे क्या. रिक्शे में जाते वक़्त मैं यही सोच रहा था कि उसको बिना कपड़ों के देखने का दिन आ ही गया।मैं उसकी खूबसूरती में सिर्फ़ यही कहना चाहूँगा कि वो बिल्कुल जैक्लिन Jacklin Fernandes जैसी ही दिखती है. मजा आ गया… और तुम्हें?मैंने कहा- हाँ मुझे भी बहुत मजा आया।बाद में वो मुस्कुराते हुए बोली- कल भी करेंगे…दूसरे दिन मैं उठा तो वो पूरी नंगी खड़ी थी और बोली- उठ गए आप.
? मैं कुछ मदद कर सकता हूँ?तो सोनम ने पूनम का हाथ दबाते हुए एकदम बेलाग होकर उसकी दूध दबाने की समस्या बता दी. It can be true at times and it’s a very rare occurrence, where a penis could get stuck in the vaginaIt’s known as ‘PENIS CAPTIVUS’. वो नहा रही थी।जब मैंने आवाज लगाई तो वो झट से तौलिया लपेट कर बाहर आ गई।वो तौलिए में क्या गजब की सेक्सी लग रही थी.
’ करती रही, फिर मैंने अपने एक ही हाथ से उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और एक हाथ से उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया।वो लगातार ‘नहीं.
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आइए आगे चलते हैं।अब तक आपने पढ़ा कि मैं सोनम को चोद रहा था और सोनम के शरीर की अकड़न भी बता रही थी कि वो इस मिलन का इंतज़ार नहीं करेगी।तभी सोनम की चूत ने पानी फेंक दिया जैसे ही मेरे लण्ड को चिकनाई का अहसास हुआ. आप सभी का बहुत धन्यवाद।तो मैं आगे की कहानी आपके सामने लेकर आया हूँ। जैसा कि मैंने आपको बताया था किक्रिसमस पर पल्लवी भाभी कोमैंने कैसे चोदा था।अब मेरा और भाभी का लगभग रोज का चुदाई का प्रोग्राम बनने लगा था. आकर मैं डाइनिंग टेबल के पास बैठ गई। वहाँ मैंने देखा कि किसी की शादी का कार्ड पड़ा हुआ है, मैंने मॉम से पूछा- ये कार्ड किसकी शादी का है?मॉम ने कहा- बेटी.
’ की आवाज़ निकल जाती थी। लेकिन मेरा लण्ड खड़ा का खड़ा लड़ने पर आतुर था।तभी सोनम ने मुझे धक्का देकर अपना सर निकाला और एक लंबी सांस ली फिर अपनी तोतली आवाज में बोली- माल दोगे क्या?मैंने प्यार से सहलाया, ‘नहीं मेरी जान मारूँगा. की दीवारें गायब हो जाती हैं और सिर्फ चूत नजर आती है। वैसे भी रात के अँधेरे में चूत सब एक सी होती हैं।कुसुम भाभी के चले जाने के बाद काफी दिनों से बुर नहीं मिली थी। सो मुझे ये कल्लो में ही लौड़े की खुराख दिख रही थी।बारात चल दी. और लपक कर मेरे लंड पर चढ़ गई।वो मेरी गोद में थी और हम एक-दूसरे की गर्दन को चूस रहे थे।वो मेरी गोद में उछल रही थी।मैंने उसको कस कर पकड़ा और पीछे गिरा दिया।मैं फिर से मिशनरी अवस्था में उसके ऊपर आ गया.
मैंने आंटी को जैसे-तैसे मना लिया।आंटी मुझसे पूछने लगीं- मैं उसे तुमसे चुदवाने के लिए क्या बोलूँगी?मैंने कहा- आप उससे शादी की बातें करना और कहना कि अब तो तेरी शादी हो रही है.
सहायता की गुहार करती नीलम उल्टी डांट पड़ने पर सकते में आ गई। रूपा ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए उसे समझाने लगी।रूपा झट से जाकर मक्खन ले आई और मेरे लंड को मक्खन से तर कर दिया. वो मुझसे सिर्फ़ 2 साल छोटी है।फिर मैंने पूछा- क्या वो शादीशुदा हैं?उन्होंने कहा- अभी सिर्फ़ सगाई हुई है।मैंने कहा- ओके. ’ कर रहा था।थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पिचकारी मारी और सारा पानी मेरे चेहरे के ऊपर गिर गया, यह मुझे बहुत गंदा लगा। लेकिन मुझे आज वो अन्तर्वासना का लेखक याद आ रहा था.
ताकि कोई दिक्कत न हो।उधर माया लगातार मेरे लौड़े को प्यार किए जा रही थी जो कि मेरे अन्दर की कामुकता को बढ़ने के लिए काफी था।मैंने बोला- ये आज ऐसे नहीं मानेगा. काश तुम मेरे साथ हमेशा रहते।मैंने भाभी को किस किया और बोला- मैं साथ ही तो हूँ।इस तरह मैंने एक साल भाभी के साथ सेक्स किया, फिर मैंने भाभी की बहन के साथ भी सेक्स किया।मुझे मेल करें :[emailprotected]. दूध निकालते समय पूनम ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और अपने आप को मेरे पूरे हवाले कर दिया और उस दिन मैं और पूनम एक हो गए।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !उसके बाद मैं पूनम को जन्नत की सैर करवाते स्वर्ग का सुख देता गया और मेरा किसी स्त्री या पूनम का दूध पीने का सपना सच होता गया।अब चुदाई करते समय मैं उसका दूध चूसने लगा.
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मैं अपने कमरे में भाभी के नाम की मुठ मार रहा था मेरी नजर सामने बालकनी के तार पर कपड़े डाल रही भाभी पर पड़ी।भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा था और वो अपने काम में मस्त थी।उसके ब्लाऊज़ से उसकी चूचियाँ दिख रही थीं।यह इतना उत्तेजित कर देने वाला नज़ारा था कि चाह कर भी भाभी के उरोजों से नजर हटाने पर भी नहीं हटी।मेरा दिमाग सोच रहा था कि कौन देख रहा है और मैं केवल देख ही तो रहा हूँ. लगाओ…’वो उछल-उछल कर चुदवा रही थीं और हम आधा घण्टे तक चुदाई करते रहे।आख़िर में हम दोनों एक साथ झड़ गए।मैंने अपना सारा पानी आंटी की चूत में छोड़ दिया और फिर उनके ऊपर ही लेट गया।कुछ देर बाद मैं उनके ऊपर से उठा तो देखा. मैं बोली- चूसो…तो उन्होंने मेरे ठोस मम्मों को पकड़ कर मुँह से दबा दिया और इतनी ज़ोर के साथ मसला कि मेरी चूचियों में उनका एक दाँत भी गड़ गया।‘आह्ह.
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दीदी की गान्ड ही याद आ रही थी।वो रात को कॉटन की कैपरी और टी-शर्ट पहनती थी।करीब आधा घंटे के बाद मैं उसके बिस्तर के पास गया और धीरे से उसकी गान्ड पर हाथ फ़ेरने लगा।मेरा लन्ड खड़ा हो गया था। बाद में मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।आह्ह्ह्ह्ह्ह. वो भी अपनी भरपूर जवानी में आ खड़ी हुई थी।मैंने उसको पटाने के लिए अपने शातिर दिमाग़ से एक योजना बनाई और चोरी-छुपे उसके खाने में स्त्रियों की कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवा डालता रहा।एक दिन जब हम स्टोर रूम में सामान लगा रहे थे. कितनी गंदी हो गई है?मैंने तुरंत आज्ञाकारी बच्चे की तरह चाची की ब्रा के हुक को पीछे से खोला और निकाल दिया।अब चाची कुछ और ही रंग में थीं- बेटा.
ये सुनते ही मुझे पता नहीं क्या हो गया और उसी पल से मुझे एक-एक सेकेंड बहुत बड़ा लगने लगा और रात के बारे में सोचने लगा।मेरा दिन गुजारना बहुत मुश्किल हो गया. इसलिए मुझे कोई बच्चा भी नहीं है। लेकिन, अब आप हो तो मुझे कोई परेशानी नहीं रहेगी।इस तरह मैंने उसको चोद कर एक बच्चा दिया और जितने साल वहाँ रहा. मैंने जानबूझ कर यह नहीं कहा कि किसका लंड चाहिए।शौकत ने सैम से फिर कहा- यार मेरी ज़रीना को अपने लंड का स्वाद चखा दे।लेकिन सैम ने शौकत से कहा- नहीं यार.
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लड़कियों से ज्यादा मुझे आंटी में मजा आता है।अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है जो मेरे साथ कुछ दिन पहले बीती।मेरा एक दोस्त है अब्दुल. उसके बाद तो दोनों की शरम मानो पूरी तरह से खुल गई थी, दोनों अक्सर कमरे में नंगे ही रहते थे।शौकत ने बताया कि दोनों साथ-साथ सेक्सी किताबें देख-देख कर एक-दूसरे के सामने मुठ भी मारते थे।शौकत ने मुझे समीर के लंड के बारे में भी बताया।शौकत के अनुसार समीर का लंड घोड़े जैसा था.
होंठों और रसीली चूचियों पर चमक रहा था…भाभी पूरी बिल्ली जैसी लग रही थीं जो मलाई चाटने के बाद अपनी जीभ से बची हुई मलाई को चाटती है।भाभी ने अपनी गुलाबी जीभ अपने होंठों पर फिरा कर वहाँ लगा वीर्य चाटा और फिर अपनी हथेली से अपनी चूचियों को मसलते हुए पूछा- क्यों देवर राजा. boobs kaske suck kiyeStranger: uhhhhStranger: ahhhYou: pasina bhaut haainStranger: kitna suck karogeStranger: ahh aahStranger: habYou: maze de rahain boobs bahutStranger: han*You: maine gaalo ko kiss kiyaStranger: aap hi ka haiStranger: ahhhhhStranger: ahh. अब मुझे ही बताना होगा कि तेरे लंड को चूत में कैसे डालना है।उसने मेरे लौड़े को पकड़ कर अपनी चूत पर लगाया और कहा- अब जोर से धक्का मार.
फ़िर मैं पीछे कैसे रह जाता।मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत ज्यादा प्यार करता था और किसी भी हालात में उसका दिल नहीं तोड़ना चाहता था. और आखिर में फोन पर एक साथ मुठ्ठ मारी तो वहीं पर मेरी माशूका आसिफा से एक ग़लती हो गई।इन सब कामों में उस वक्त सुबह के 4 बज गए थे और जैसे ही हमारा पानी निकला था वो थक कर सो गई. जैसे आप सही कह रहे हों और फिर 6 बजे के आस-पास मैं ही आपकी माँ को काल करूँगी और उनसे बोलूँगी कि आंटी अगर भैया घर पर ही हों तो आप उनसे बोल दीजिएगा कि हम आज नहीं आ पा रहे हैं। हमारी ट्रेन कैंसिल हो गई है.
बीएफ बीएफ एचडी बीएफ एचडी बीएफ उस रात मेरी सुहागरात में मेरे झड़ने के करीब बीस मिनट तक संजय ने मुझे और चोदा और मैं फिर से उत्तेजित होकर चुदाई में ठोकरें लगाने और खाने लगी थी।फिर समागम हुआ और हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल कर सो गए।दोस्तो, ये मेरी सुहागरात की कामुक कराहें आपकी नजर हैं।. क्योंकि वो दोनों भी बहुत सुंदर और जवान थीं।एक अप्सरा 440 वोल्ट की थी तो दूसरी परी 230 वोल्ट की थी।पूनम मुझसे बड़ी थी और सोनम मुझसे छोटी थी।दोनों ही एकदम गोरी और सेक्सी थीं।पूनम बहुत ही भरे हुए जिस्म की थी.
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फ्लॉरा- ये सब जाने दो अब आगे क्या करना है? हमारे घर वालों तक ये बात नहीं जानी चाहिए कि संजय हमारा दोस्त था. मैंने क्लासिकल भी सीखा है।रजनीश बोला- तो मुझे एक नमूना दिखाओ ना।विभा बोली- फिर कौन सा डान्स करूँ?रजनीश बोला- जो तुम्हें अच्छा लगे वो. जैसे अभी दूध में नहा कर आई हो।नेहा की शादी हो चुकी है और उसका एक बेटा भी है।उन दिनों वो परेशान सी रहती थी.
लेकिन सौम्य तरीके से कान के चारों ओर जीभ घुमाना भी उनमें उत्तेजना का संचार करता है।किसी महिला के लिए एक बड़ा ही टर्निंग प्वांइट होता है. मैंने उसके अधरों को अपने होंठों से खूब चूसा और उसके गालों पर हाथ रखा तो अजीब सी फीलिंग आई व चेहरे का शेप भी कुछ अलग सा लगा. सेक्सी पिक्चर इंग्लिश नंगी पिक्चरपापा भी आ गए और हम सब रात को डिनर करके सो गए।अगली सुबह मैं 8 बजे उठी और तैयार होने लगी क्योंकि हम 9 बजे घर से निकलने वाले थे।मैं 8:30 बजे नहा-धोकर तैयार हो गई थी। मैंने कट स्लीव की पीले रंग की टी-शर्ट डाली हुई थी.
और तुम मेरी चूत के अन्दर ही अपना मॉल निकाल दो।मैंने और ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिए। कुछ 10-12 धक्के और लगा कर मैंने सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया इसके साथ ही वो भी छूट चुकी थी।फिर उसने और मैंने कपड़े पहने और मैंने उसको पैसे उधार दिए। उसने मुझे गले लगा कर चुम्बन किया और कहा- जब भी मौका मिलेगा.
ऐसे लगता कि अभी अपने प्यारे से फड़फड़ाते बेकाबू लंड को उस गहराई में ‘गच्च’ से उतार दूँ।मेरे सहलाने से उसकी कुँआरी अनछुई चूत से अविरल कामरस की धारा फूट पड़ती थी. मैं करीब 10 मिनट तक उन्हें चुम्बन करता रहा और करीब आधे घंटे तक हम दोनों एक-दूसरे के शरीर को चूमते रहे।वो कह रही थी- राज.
किसी को कुछ भी शक नहीं हुआ है।ये कहते हुए मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ गया।आप सभी का पुनः धन्यवाद। आप अपने सुझावों को इसी तरह मेरे मेल पर साझा करते रहें. पर बोली कुछ नहीं।अब उसको उठा कर मैंने उसका कुरता निकाल दिया तो उसकी ब्रा में मम्मे को देख कर तो मेरे लौड़े की हालत ख़राब होने लगी।वो ज्यादा गोरी तो नहीं है. प्रिया भी उसके पास ही बैठी रही।दीपक ने दीपाली के सर को पकड़ लिया और उसके मुँह में दनादन लौड़ा पेलने लगा।दीपक- आ आहह.
मुझे सब अपने हाथों से थोड़ा-थोड़ा खिला रहे थे और कभी मेरे कंधे में तो कभी होंठों में कुछ लग जाए तो निकालने के लिए उन्हें छू कर साफ़ कर रहे थे.
पूरी करनी है।वो बोली- रोका किसने है।बस कपड़े उतरने का सिलसिला शुरू हो गया। जब मैंने उसकी टाँगों को खोला तो एक टाईट किन्तु काली झांटों वाली काली बुर सामने मेरे सामने थी। मैं उसको चाटने की हिम्मत नहीं कर सका।इससे पूर्व मैंने जिन बुरों को चूसा था वो गोरी और झांट मुक्त थीं।मैंने झांटों के घूंघट को हटाया और बुर को फैलाया तो उसकी बुर का छेद नजर आया. तो कैसे समझता कि उसने पहनी ही थी।फिर वो मेरे पास आकर खड़ी हुई और मेरी चड्डी देते हुए बोली- लो और अब कभी भी ऐसी खुश्बू की जरुरत हो. पर किसी तरह हमने मामले को पढ़ाई से जोड़ कर सुलटा लिया था।अमन आगे की पढ़ाई के लिए राउरकेला चला गया। वो अब वहाँ बी.
ब्लू सेक्सी दिखाईयेलगातार रगड़े और मसले जा रहा था।अब उसने मेरी ब्रा निकाल दी और मेरे कबूतरों को एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे मम्मे को चूसने लगा।मैंने अपनी जीन्स का बटन खोल कर हाथ अन्दर कर लिया और अपनी चूत सहलाने लगी।उसने ये देखा तो बोला- जानू ये काम तुम्हारा नहीं. मैं चाहता था कि वो खुद मुझे चोदने को बुलाए। इसलिए मेरे दिमाग में एक जबरदस्त योजना ने जन्म लिया।मैंने पैंट ऊपर को चढ़ाई और सीधा दनदनाता हुआ सोनम के बिलकुल सामने जा कर खड़ा हो गया और गुस्से भरी निगाह से घूरते हुए उसके बाल पकड़ कर अपने करीब किया और पूछा।कब से चल रहा है ये सब?”सोनम की एक ऊँगली अभी भी उसकी चूत में थी.
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अबकी बार भिखारी कुछ ज़्यादा ही रफ़्तार से चोद रहा था। वो पूरा लौड़ा बाहर निकालता और एक साथ अन्दर घुसा देता. सख्त और उठी हुई थीं। उसके चूतड़ भी काफी उभरे हुए थे कि किसी भी नामर्द के लौड़े को भी मर्दाना बना कर उसे एकदम से पागल कर दे।रोशनी भाभी का चेहरा भी एकदम सुन्दर और उस पर उसके मदभरे रसीले होंठ. वाह उसके चूचों की चुसाई में क्या मज़ा था।अब भाभी ने मुझे लिटाया और धीरे से मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया। वो सिर्फ सुपारा ही अन्दर ले पा रही थी और सच कहूँ तो सुपारा चूसने की कोशिश कर रही थी.
तुम सिर्फ़ वो करती जाओ और देखो मैं तुम्हें पूरे जन्नत की सैर करवाता हूँ।फिर हरेक दिन मैं अपना दिमाग़ चलाता गया और सोनम जन्नत की सैर करते हुए स्वर्ग में पहुँच गई।तीसरे दिन मैंने सोनम को कहा- आज हम दोनों साथ मिलकर नहाएँगे।पहले सोनम ने मुझे नहाया. दस मिनट तक उनकी चूत चाटने के बाद वो एकदम से अकड़ सी गईं और अब वे झड़ चुकी थीं।फिर उनने मुझे ऊपर बैठने को बोला और मेरे कच्छे से मेरा लंड निकाल कर पहले उसे मस्त निगाहों से देखा. जिससे वह बहुत जोर-जोर से ‘आहें’ भरने लगी। वह अपना सिर बार-बार इधर-उधर कर रही थी।मैंने 5 मिनट तक वहाँ उसे बहुत रफ़्तार से रगड़ा और जैसे ही उसे आगे चूत के छेद के पास पहुँचा.
वो भी विवाहित, जिन्हें मैं पूनम दीदी कहता हूँ। अब घर में मैं और चाचा-चाची ही रहते हैं।चाची को मैं कई बार अपने सपनों में चोद चुका हूँ. उसके जिस्म की गर्मी महसूस कर रहा था।मेरे हाथ धीरे-धीरे प्रीति की गाण्ड तक पहुँच गए और मैंने उन उभारों को दबा दिया।अब तक प्रीति भी सामान्य हो चुकी थी. तो मैंने कहा कि आप स्काइप पर आ जाओ।उन्होंने वैसा ही किया और स्काइप पर बात होने लगी।मैंने प्रीति से पूछा- मैडम.
आगे तुम्हारी मर्ज़ी…यह कहते हुए मैं शांत होकर उसके चेहरे के भावों को पढ़ने लगा।उसका चेहरा साफ़ बता रहा था कि अब वो कोई हंगामा नहीं खड़ा करेगी. मेरी गाण्ड पर साबुन मलने लगी। उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और उसको चूसना शुरू कर दिया, वो मेरे लण्ड को ऐसे चाट रही थी.
दीपक अब भी लगातर चोदे जा रहा था और आख़िरकार प्रिया की टाइट चूत ने उसके लौड़े को झड़ने के लिए मजबूर कर दिया.
चूत चुदाना तो दूर की बात है।लेकिन आज भी मुझे भाभी की वो बड़ी सी चूत अक्सर याद आ ही जाती हैभाभी की एक विशेषता है कि वो सबके सामने रहने पर कभी नजर नहीं मिलाती हैं।आगे किस तरह से भाभी की चुदाई हुई मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।मुझे मेल जरूर ही कीजिएगा।. ब्यूटीफुल हॉट सेक्सीपर पता नहीं उसमें क्या बात है कि देखते ही लंड उछलने लगता है और उसे पाने के लिए बेक़रार हो उठता है।मैं उसके बारे में इससे पहले कुछ जिस्मानी सम्बन्ध के बारे में नहीं सोचता था. एक्स एक्स सेक्सी वीडियो अंग्रेजीऔर आपको मैं पहले दिन से नोटिस कर रही हूँ कि आप मेरी माँ को मौका पाकर छेड़ते रहते हैं और…तो मैंने बोला- और क्या?बोली- और. मगर वो बाहर आ गया।दीपाली उसका हाथ पकड़ कर कमरे में ले आई और बिस्तर के पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रख कर बैठने को कहा।भिखारी- बेटी कपड़े दे दो ना.
हम दोनों ने फटाफट कपड़े पहने और एक-दूसरे को लंबा चुम्बन करते हुए रात को मिलने का तय करके अलग हो गए।फिर मैं बाहर आ गया तो मम्मी बोलीं- आने में इतना वक्त कैसे लगा दिया?तो मैंने कहा- मम्मी गाने बज रहे थे.
क्योंकि मैं सिर्फ 18 साल की थी और वो 60-65 साल के मेरे बाबा की उमर के थे।बल्कि मुझे तो ये लगा कि ये बेचारे मुझसे प्यार जता रहे हैं. बाहर हल्की बारिश हो रही थी।जवानी की दहलीज में उस समय मैं अकेला होने से मेरे मन में बहुत से ख़याल आ रहे थे. मेरे हाथ कभी उसकी गोटियों पर थे तो कभी गाण्ड पर घूम रहे थे।करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद उसने मेरा सिर पूरी ताक़त से अपने लंड के ऊपर दबा दिया.
सलवार सूट और गाउन पहनती थी। मैं हमेशा इसी ताक में रहता था कि वो झुके और मैं उसके मस्त गोरे-गोरे मम्मे देख सकूँ।अकसर जब भी मैं उनके घर जाता था. लेकिन वो शॉट मारता रहा।कुछ देर बाद लंड ने गाण्ड में जगह बना ली थी।अब मेरा दर्द भी कम होने लगा।अब मुझे मजा आने लगा…. वो एक-दूसरे को मिले तो सलाम किया।जब मैं सामने आई तो हसन भाई के चेहरे पर गुस्सा आ गया और वो नफ़रत से मुझे देख कर चले गए।मैंने सलाम भी किया लेकिन उन्होंने सलाम का जवाब तक ना दिया।फिर रात को छत पर मदीहा और हसन भाई अकले में मिले तो दोनों एक-दूसरे से गप्पें मारने लगे और चुम्मा-चाटी भी की।दोनों मोहब्बत में पागल थे.
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जबकि यह भी कामुक क्षेत्र होता है। उस पर अपने होंठों से चुम्बन करें फिर देखें उसकी कामातुरता कैसे बढ़ती है।शुरुआत हल्के तरीके से सहलाने से करें. वो सिसकारने लगी।कुछ देर तक उसको गर्म करने के बाद उसकी चूत को चूस कर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दिया. अपने मुँह से चूमने लगे।तभी उधर दादा जी ने एक हाथ से मेरी टी-शर्ट के गले से अन्दर हाथ डाल कर मेरे सीने की मालिश कर रहे थे। तभी एकाएक उन्होंने सीधे मेरे मम्मों पर हाथ रख दिया और उन्हें बिना ताक़त के अन्दर ब्रा के ऊपर था।अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और कुछ-कुछ सुरसुरी होने लगी थी.
तो आपको ये रंग किसने लगाया?भाभी ने इतराते और इठलाते हुए कहा- ये तो पड़ोस वाली भाभी और इनके कुछ दोस्त आए थे.
माया भी ख़ुशी से फूली न समाई और आकर मुझे अपनी बाँहों में भींच लिया और अपने होंठों से मेरे होंठों को चूमने लगी।मैं भी उसे अपनी बाँहों में जकड़े हुए प्यार से चूमने-चाटने लगा और उसकी गर्दन पर जैसे ही चूमा.
उनकी चूत में जा रहा है।अब मैं धीरे-धीरे उस सुन्दर चेहरे को देखते हुए अपना लौड़ा रोशनी भाभी के मुँह में अन्दर-बाहर करने लगा। बड़ा मजा आ रहा था. उसने गेट बंद कर दिया।मेरे अन्दर आते ही उसने मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए।इस चुम्बन में मुझे रूपा की चुम्बन से ज्यादा मज़ा आया. भोजपुरी एचडी सेक्सी पिक्चरमित्रों मैं आज भी उस पल को याद करता हूँ कि मुझे खुद भी होश नहीं था कि मैंने उसको कितना तेज चोदा होगा.
तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और चाची के पूरे बदन पर अपना सारा माल निकाल दिया… मेरे लंड में से पहली बार इतना सारा माल निकला था, चाची का ब्लाउज पूरा चिकना हो गया था. उम्म्माअहह…मैंने उसके लंड को मुँह में लेकर गालों की दीवार से दोनों तरफ रगड़ना शुरू किया।गौरव- वाह मेरी जान वाह. कभी-कभी पाँव की उँगलियाँ चूतड़ों की दोनों फाँकों के बीच में धंस जाता।इससे मेरा लंड पैंट के अन्दर बुरी तरह अकड़ जाता।वो अपने शरीर को ऐंठते हुए बोलती थीं- बस अब रहने दो…मुझे तो बाद में पता चला कि वो ऐंठते हुए झड़ जाती थीं। इस तरह लगभग रोज मैं चोदने के लिए तड़पता रहता और पट्टे वाली खटिया के छेद में अपना लंड डाल कर शांत होता।एक बार उनके घर में सांप निकला.
लेकिन ज्यादातर लोग इस ओर ध्यान नहीं देते। ऊँगलियों के पोरों को हल्के-हल्के सहलाते हुए दबाने से महिलाओं में तीव्र उत्तेजना का संचार होता है. नीचे के मैं उतारता हूँ…तभी दादा जी ने मुझसे कहा- निकी, तुम अब आँखें खोल लो।मैंने ‘ना’ में सिर हिलाया तो बोले- खोल लो आँखें.
क्योंकि आज तो मंगलवार ही था। ये तीन दिन बड़ी मुश्किल से कटे।फोन पर तो मैं उससे सेक्स कर लिया करता था.
पता नहीं क्या बोलेगी अब!!मैं उसके पास गया और अपना सर झुका कर खड़ा हो गया।वो मुझे देखकर बोली- अब तेरे को शर्म आ रही है. तब देखा कि किसने किसको कितना काटा है…नाश्ता करने के बाद 8-30 बजे भैया का फ़ोन आया कि वो और दो दिन नहीं आएँगे और फिर दो दिन भाभी ने अपनी चूत का बाजा मेरे लवड़े से बजवाया।इसके बाद भी जब भी मौका मिला हमारी चुदाई चालू हो जाती. उसने कहा- आखिर चोद ही दिया ना अपनी भाभी को? उसने मेरे सर को अपनी चूचियों में दबा लिया औरमेरे बालों को सहलाने लगी।मैंने भाभी से पूछा- आपकी चूत इतनी बड़ी कैसे है?भाभी ने कहा- तुम खुद समझ लो कैसे बताऊँ तुम्हें?तभी मम्मी का फ़ोन आ गया.
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मैं चाभी लेकर आता हूँ।गार्ड ने कुछ ही देर में गाड़ी पार्क की और चाभी दे कर मुझसे बोला- साहब जी देर बहुत लगा दी आने में?तो मैंने बोला- हाँ. जब मैं इन्जीनियरिंग कालेज में पढ़ता था। कालेज के लिए मुझे गाँव से शहर जाना पड़ता था और मैं हर रोज शहर जाता था।मेरी ही क्लास में मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी… जो उसी शहर में पेईंगगेस्ट के तौर पर रहती थी। जिस पीजी में वो रहती थी. तथा अपने परिवार के साथ दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 एरिया में तीसरी मंजिल पर पिछले चार साल से रहता हूँ। मेरा कद पाँच फिट छह इंच का है.
पूरी रात बस मुझे ऐसे ही चोदते रहो।”मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था और मुझे लगा कि मेरा होने वाला है, तो मैंने उससे कहा- बच्चा आ रहा है स्वागत करो।तो वो हँसी और बोली- मेरे बच्चे को अन्दर ही आने दो. सचमुच में कभी नहीं चोदा।आंटी बोली- चलो आज प्रैटिकल सिखाती हूँ।उसने अपने दोनों पैरों को मोड़ कर फैला लिया उनकी बुर का लाल छेद सामने से खुल गया।वो बोली- अपना लंड इसमें डालो।मैंने डाला.
मेरी दोनों टांगों में अपनी दोनों टांगों कर जोरों से बाँध लीं।उसने मुझे इस कदर जकड़ लिया था कि मैं हिल भी नहीं सकता था।फिर वो मेरे होंठों के किनारों पर धीरे-धीरे अपनी जीभ फिराती हुई चूम रही थी.
तो वो एकदम से सिहर गई और उसने मेरे लण्ड के साथ खेलना बंद कर दिया।उसकी सिसकारियाँ निकलने लगीं।मैंने एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी. उस वक़्त वो सलवार ओर कमीज़ में थी।मैं उससे अलग हुआ और उसको फिर से बाइक पर बिठा कर एक कच्चे रास्ते पर चल दिया। एक चुदाई के मतलब से सुरक्षित जगह देख कर वहीं पर बाइक रोक कर उसको कुछ अन्दर एक पेड़ के पीछे ले गया। वहाँ ले जा कर मैंने उसको चूमना शुरू किया और उसकी चूचियों को भी दबाने लगा।वो भी गरम होने लगी और बोली- कस कर भींचो. इसे तो मैं रखूँगा…फिर दूसरे अंकल ने भी सूँघा।अब दादा जी सीधे मेरे तलवे चाटने लगे और तलवों को चाटते हुए वे ऊपर की तरफ आ रहे थे।उस समय जो माहौल था.
क्योंकि उन्हें कोई संतान नहीं है और मैं सोचता था कि वो आकर अच्छा महससू नहीं करेगी।लेकिन इस बार बुलाने का मकसद मेरा कुछ और था।मेरी पत्नी ने कहा- आप खुद ही जाकर बोल देना. उसकी जुबान में कि मेरी सारी जलन जाती रही और मेरा लंड पूरी तरह से सख़्त हो चुका था।अब वो बिस्तर में कुतिया के जैसी बन गई और बोली- चोदो मुझे. भाभी मुस्कुरा उठीं, बोली- अरे वाह्… त्युम भी सविता भाभी कार्टून के शौकीन हो?और बैठ कर उन्होंने मेरा लवड़ा पकड़ लिया।कुछ देर लौड़े को हाथ से सहलाने के बाद उन्होंने मेरी तरफ देखा और अपने मुँह में ‘गप्प’ से सुपारे को दबा लिया।‘आह्ह.
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तो उसका ‘किशोर-मन’ आहत होता। मैंने उसको अपने ऊपर खींच कर कसकर चिपका लिया।फिर मैं बोली- अब तुम्हें देर हो रही है. मैं बस में मयूर विहार फेज दो से बस में जाकर बैठ गया।कुछ देर बाद माधुरी भी उसी बस में चढ़ गई। मैं उसे देख कर बहुत खुश हुआ। मेरे बगल वाली सीट खाली थी. जिससे मेरे भी मुख से एक ‘आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह’ निकल गई।फिर उसने अपने होंठों से मेरे गाल पर चुम्बन किया और मेरे लौड़े के टोपे पर अपने होंठों को टिका कर उसे चूसने लगी।उसकी इतनी मादक चुसाई से मेरे शरीर में कम्पन होने लगा.
हम दोनों एक साथ एक-दूसरे के मुँह में झड़ गए। एक ज़ोरदार पिचकारी मेरे लण्ड से निकली और उसके मुँह को सफेद झाग से भर दिया।लेकिन उसने मेरा लण्ड छोड़ा नहीं.
उस वक्त मेरी उम्र 19 साल की थी।हम लोग अपने नए घर में रहने चले गए थे।वहाँ मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई. मेरी तो जैसे खुशी का ठिकाना ही ना रहा।उसने अपने टॉप को उतारा और अपनी ब्रा भी उतार दिया। उसके गोरे-गोरे चूचे बहुत ही मस्त और आकर्षक थे. कुछ समय बाद मैडम ने मुझे धक्का दे दिया मेरा लंड बाहर निकल गया।वो मुझ पर चढ़ गई और अपनी बुर मेरे मुँह पर घिसने लगी और एक तेज धार से मुँह को भिगो दिया।मैंने मैडम को नीचे किया.
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